प्लेटलेट काउंट टेस्ट एक रक्त जांच है जिसका उद्देश्य खून में मौजूद प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या का पता लगाना होता है। प्लेटलेट्स, जिन्हें थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes) भी कहा जाता है, रक्त के महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो खून के थक्के (clot) बनाने में मदद करते हैं। जब शरीर में कोई चोट लगती है या रक्तस्राव होता है, तो प्लेटलेट्स उस स्थान पर इकट्ठा होकर खून को जमाने का कार्य करते हैं जिससे अधिक रक्त बहाव को रोका जा सके। यह टेस्ट आमतौर पर एक Complete Blood Count (CBC) का हिस्सा होता है लेकिन कई बार इसे अलग से भी करवाया जा सकता है जब डॉक्टर को प्लेटलेट संबंधी समस्या की आशंका हो। यह टेस्ट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता, रक्तस्राव की स्थिति, या किसी रोग जैसे डेंगू, टायफाइड, या बोन मैरो डिसऑर्डर की जांच में भी मदद करता है। प्लेटलेट काउंट का पता लगाने से यह भी समझा जा सकता है कि किसी व्यक्ति को खून बहने की समस्या है या उसे रक्त जमने की समस्या हो सकती है। यह टेस्ट बहुत ही सामान्य, सुरक्षित और त्वरित होता है, जिसे खून के एक छोटे से नमूने से किया जा सकता है।
इस टेस्ट को क्यों किया जाता है?
प्लेटलेट काउंट टेस्ट करवाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारण तब होता है जब किसी व्यक्ति को अधिक रक्तस्राव या बार-बार नाक से खून आना, मसूड़ों से खून बहना, चोट लगने पर अधिक समय तक खून रुकने में देरी होना जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं। इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य है या नहीं। कई बार वायरल संक्रमण जैसे डेंगू, चिकनगुनिया या कोविड-19 जैसी बीमारियों में प्लेटलेट काउंट बहुत कम हो जाता है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव का खतरा होता है। इसके अलावा डॉक्टर यह टेस्ट तब भी लिखते हैं जब मरीज की स्प्लीन (तिल्ली) बढ़ी हुई हो, बोन मैरो से संबंधित बीमारियों की जांच करनी हो, या कीमोथेरेपी के बाद रक्त की स्थिति का मूल्यांकन करना हो। गर्भवती महिलाओं में भी यह टेस्ट कराया जाता है ताकि प्रसव के दौरान रक्तस्राव की स्थिति को समझा जा सके। यदि किसी मरीज की सर्जरी होनी है तो पहले यह टेस्ट करवाया जाता है जिससे सर्जरी के दौरान अत्यधिक खून बहने के खतरे को टाला जा सके। यानी यह टेस्ट किसी गंभीर रोग की संभावना को समझने में मदद करता है और समय रहते इलाज को दिशा देता है।
प्लेटलेट काउंट की सामान्य रेंज क्या होती है?
प्लेटलेट काउंट की पारंपरिक किस्म कभी-कभी 150, कुल 4, कुल सफेद रक्त कोशिकाओं प्रति मिलीलीटर (µl) होती है। यदि गिनती पहले से ही एक ऐसी किस्म से कम है, तो इसे रक्तस्रावी कहा जाता है। दोनों ही स्थितियां शरीर के लिए चिंताजनक हो सकती हैं। सामान्य रेंज से कम काउंट होने पर व्यक्ति को चोट लगने पर अधिक खून बहने की संभावना रहती है और कभी-कभी बिना किसी चोट के भी अंदरूनी रक्तस्राव हो सकता है, खासकर मस्तिष्क या आंतों में। दूसरी ओर, यदि प्लेटलेट्स बहुत अधिक हो जाएं तो खून जरूरत से ज्यादा गाढ़ा हो सकता है जिससे नसों में थक्के जम सकते हैं और हृदयाघात या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डॉक्टर प्लेटलेट काउंट की रिपोर्ट को अन्य रक्त के मानकों के साथ मिलाकर समझते हैं ताकि कोई स्पष्ट निष्कर्ष निकाला जा सके। यह रेंज उम्र, लिंग, गर्भावस्था की स्थिति और स्वास्थ्य की अन्य स्थितियों पर भी निर्भर कर सकती है, इसलिए डॉक्टर सामान्य सीमा के साथ-साथ मरीज के लक्षणों का मूल्यांकन करते हुए इलाज निर्धारित करते हैं।
प्लेटलेट टेस्ट के लिए सैंपल कैसे लिया जाता है?
प्लेटलेट काउंट टेस्ट के लिए रक्त का नमूना लिया जाता है जो कि आमतौर पर बाजू की नस से खून निकाल कर किया जाता है। सैंपल लेने की प्रक्रिया बहुत सरल होती है। सबसे पहले, लैब तकनीशियन आपके हाथ की बाजू पर रबड़ की पट्टी (टूर्निकेट) बांधता है जिससे नसें उभर आएं। फिर एक पतली सुई की मदद से नस में छेद करके एक ट्यूब में रक्त एकत्र किया जाता है। इसके बाद उस स्थान पर रुई या पट्टी लगाई जाती है ताकि खून बहना बंद हो जाए। इस प्रक्रिया में कोई विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती और आमतौर पर इसे खाली पेट करने की आवश्यकता नहीं होती। बच्चों या बुजुर्गों से खून लेने में थोड़ी सावधानी बरती जाती है। यह टेस्ट एक सामान्य सीरिंज या वैक्यूटेनर ट्यूब के माध्यम से किया जाता है और सैंपल को लैब में विश्लेषण के लिए भेजा जाता है। सैंपल को EDTA नामक केमिकल युक्त वॉयलेट कलर की ट्यूब में इकट्ठा किया जाता है जो खून को जमने से रोकता है। आधुनिक लैब्स में प्लेटलेट्स की संख्या ऑटोमैटिक CBC मशीन से गणना की जाती है जिससे रिपोर्ट अधिक सटीक मिलती है।
प्लेटलेट टेस्ट की फीस कितनी होती है और रिपोर्ट कब मिलती है?
प्लेटलेट काउंट यह वही परीक्षण एक लोकप्रिय लेकिन कम खर्चीला प्रयोग प्रतीत होता है। यह वही भुगतान आम तौर पर पूरे देश में ₹100 बनाम ₹300 तक होता है, शहर, अनुसंधान सुविधा स्थल और किट की गुणवत्ता के आधार पर। यदि यह परीक्षण ल्यूकोसाइट्स (पूरी बॉडी काउंट) पैकेज में शामिल किया जाता है, तो इसकी कीमत ₹250 बनाम ₹500 हो सकती है। इस तरह की एक जांच अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पूरी तरह से निःशुल्क की जाती है। इसका अध्ययन समय कभी-कभी दो से पांच घंटे की शिफ्ट में होता है। कभी-कभी प्रचारित अनुसंधान प्रयोगशालाओं में, ऑनलाइन सेवा और स्नैपचैट पर भी इस समीक्षा को सत्यापित करना संभव है। यदि वास्तव में ऐसी आपदा में परीक्षण की आवश्यकता है, या किसी मरीज को गहन देखभाल या वेक्टर-जनित चिकित्सक के पास ले जाया गया है, तो शायद दस्तावेज़ केवल तीस मिनट में उपलब्ध हो सकता है। यदि किसी विशेष मामले में, सत्यापन और मान्यता की आवश्यकता है, तो समय कुछ और लग सकता है। गुप्त प्रयोगशालाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाएं दोनों अध्ययनों के कागजी संस्करण और ई-मेल भी उपलब्ध कराती हैं। इस अध्ययन में रक्त गणना और लाल रक्त कोशिकाओं जैसे रंगों के बारे में विवरण प्रदान किया गया है, जो एक चिकित्सक की सामान्य हृदय रोग का न्याय करने के लिए एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ की मदद करता है।
प्लेटलेट्स की कमी से क्या समस्याएं होती हैं?
सभी प्रोटीनों के बाद एक दोष को एनीमिया कहा जाता है। क्योंकि जब हृदय में प्रोटीन की मात्रा 50, से कम हो जाती है, तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लोकप्रिय दावों में ऊपरी होंठ से फुंसी आना, चेहरे पर काले या नीले धब्बे (पेटीचिया), नियमित रूप से जठरांत्र संबंधी रक्तस्राव, जल्दी-जल्दी चोट लगना और कट लगना, लेकिन लंबे समय तक फुंसी आना और चोट लगना शामिल हैं। चरम स्थितियों में, आंतरिक रक्तस्राव अल्सर हो सकते हैं जो त्वचा पर धब्बे बन सकते हैं, क्योंकि सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या लगभग 25, से कम होती है। सभी थक्के कारकों के बाद की शिथिलता गियर, बीमारी, दुर्दमता, बच्चों में ऊतक विकार या अन्य पदार्थों का एक माध्यमिक प्रभाव हो सकता है। यह कभी-कभी प्रतिरक्षा विकारों के कारण भी होता है, जिसमें इंटर्नशिप प्लेसमेंट (इडियोपैथिक प्लेटलेट काउंट पर्पुरा) शामिल है, जिसमें मांसपेशी स्वयं सफेद रक्त कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देती है। लक्षण बाथरूम में आने के दौरान या गर्भावस्था के दौरान भी हो सकते हैं, जो महिलाओं में अधिक प्रचलित है। इसलिए, जब रक्त की गिनती काफी कम हो जाती है, तो प्रारंभिक उपचार स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा भी शुरू किया जाता है, जिसमें एरिथ्रोसाइट अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, बीएमआई या कुछ अन्य दवाएं शामिल हो सकती हैं। त्वरित निदान वास्तव में प्रमुख परिणामों को रोक सकता है।