ESR टेस्ट जिसका पूरा नाम Erythrocyte Sedimentation Rate है, यह एक नार्मल खून की जाँच है और यह शरीर के अंदर सभी सूजन के बारे में बताता है. जब भी त्वचा में वायरस, सरीर के अंदरूनी भाग में कही भी सूजन और बीमारी होती है, तो शरीर के अंदर यही आरबीसीएस (लाल आरबीसीएस एस ई आरबीसी) जल्दी से बस जाते हैं। यह टेस्ट किसी एक विशेष बीमारी की पुष्टि नहीं करता, बल्कि यह यह संकेत देता है कि शरीर में कहीं न कहीं सूजन या कोई अन्य प्रक्रिया चल रही है। इसलिए डॉक्टर ESR टेस्ट का उपयोग अन्य परीक्षणों के साथ मिलाकर करते हैं ताकि बीमारी की सही पहचान हो सके। यह टेस्ट आमतौर पर बुखार का कारण जानने, टीबी, आर्थराइटिस, कैंसर या किसी क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिजीज की जांच के लिए किया जाता है। यह खासकर महिलाओं में ऑटोइम्यून बीमारियों के लक्षणों का पता लगाने में भी उपयोगी होता है। अगर किसी मरीज को बार-बार बुखार आ रहा है, शरीर में दर्द है या वजन घट रहा है, तो डॉक्टर ESR टेस्ट की सलाह देते हैं।
यह टेस्ट क्यों किया जाता है?
ESR टेस्ट शरीर में सूजन (inflammation) या किसी क्रॉनिक बीमारी की पहचान करने के लिए किया जाता है। जब शरीर किसी प्रकार की बीमारी से लड़ रहा होता है, जैसे संक्रमण, टीबी, गठिया, कैंसर, या कोई ऑटोइम्यून रोग, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली (immune system) प्रतिक्रिया करती है। इस प्रक्रिया में खून में कुछ विशेष प्रोटीन और रसायन बनते हैं जो RBCs को आपस में चिपकने पर मजबूर करते हैं। इससे वे तेजी से नीचे बैठने लगते हैं और ESR की दर बढ़ जाती है। अगर किसी मरीज को लंबे समय से बुखार है, शरीर में दर्द या सूजन है, जोड़ों में अकड़न है, या थकावट बनी हुई है, तो डॉक्टर इस टेस्ट से यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि अंदरुनी समस्या क्या हो सकती है। साथ ही, यह टेस्ट यह देखने के लिए भी किया जाता है कि पहले से चल रहे इलाज का असर हो रहा है या नहीं। उदाहरण के लिए, यदि किसी को रूमेटाइड आर्थराइटिस है और इलाज चल रहा है, तो ESR के आंकड़े बता सकते हैं कि सूजन कम हो रही है या नहीं। यानी यह टेस्ट डायग्नोसिस से ज्यादा, बीमारी की प्रगति और इलाज की स्थिति को मॉनिटर करने में मदद करता है।
यह टेस्ट कैसे किया जाता है और सैंपल कैसे लिया जाता है?
ESR टेस्ट के लिए एक सामान्य रक्त सैंपल लिया जाता है। उक्त ऑपरेशन सरल है, लेकिन इसके बजाय बहुत दर्दनाक है। आम तौर पर इस तरह का एक नमूना उनके अग्रभाग के अंदर एक रक्त वाहिका से एकत्र किया जाता है, जिसे फिर से एक ओंटारियो का नाम दिया गया है। इस जांच के साथ कि आमतौर पर पोषण को दरकिनार करने के लिए आवश्यक नहीं है,चिकित्सक नहीं चाहेगा कि पेट खराब हो। बस हरे और नीले रंग के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, और इसलिए इस सुंदर दृश्य को वास्तव में रक्त वाहिकाओं के एक विशेष रूप से अद्वितीय नेटवर्क वेस्टरग्रेन ट्यूबों में फेंक दिया गया है। इस बंग में ऊपर (सीधी) कुछ रिबे स्टेक बढ़ती रहती है ताकि एक 15 मिनट के बाद यह देखा जा सके कि लाल रक्त कितना दूर तक घुल गया था। ऐसी एक अवधि का मूल्यांकन किया गया है और इसे ग्लोमेरुलर निस्पंदन कहा जाता है। क्योंकि प्लेटलेट-समृद्ध में विशेष रूप से भड़काऊ कोई विधि समूह नहीं है, और इसे एरिथ्रोसाइट अवसादन कहा जाता है। जब प्लाज्मा में सूजन के विरुद्ध कोई प्रक्रिया नहीं होती है, या फिर लाल रक्त कोशिका तेजी से कम होने लगती है, जिसके कारण एरिथ्रोसाइट अवसादन की दक्षता अधिक होती है। जाँच के बाद, इसके नामांकित व्यक्ति को आम तौर पर काम करने की अनुमति दी जाती है, कोई विशेष रूप से योग्य भी नहीं है। उपरोक्त परीक्षा को ल्यूकोसाइट्स (पूर्ण प्लाज्मा गणना) के साथ अनगिनत बार दोहराया जाता है
ESR टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या होती है?
ESR टेस्ट की सामान्य रेंज व्यक्ति की उम्र, लिंग और प्रयोगशाला की जांच पद्धति पर निर्भर करती है, लेकिन सामान्यतः इसकी सामान्य सीमा इस प्रकार होती है:
पुरुषों के लिए: 0 से 15 mm/hr
महिलाओं के लिए: 0 से 20 mm/hr
बच्चों के लिए: 0 से 10 mm/hr
यह रेंज केवल एक सामान्य दिशा-निर्देश है। अलग-अलग लैब्स में थोड़ी-बहुत भिन्नता हो सकती है। अगर ESR रेंज इससे अधिक होती है, तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर में किसी प्रकार की सूजन, संक्रमण, या बीमारी हो रही है। वहीं, कुछ परिस्थितियों में ESR बढ़ना सामान्य भी हो सकता है, जैसे महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान। इसलिए ESR की रिपोर्ट को हमेशा डॉक्टर अन्य लक्षणों और टेस्ट के साथ मिलाकर ही समझते हैं। केवल ESR की रीडिंग देखकर किसी बीमारी का अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकता। यह एक मार्गदर्शक टेस्ट है जो यह बताता है कि आगे कौन-कौन से परीक्षण करने चाहिए।
अगर ESR ज्यादा हो तो क्या समस्या हो सकती है?
यदि ESR की रीडिंग सामान्य से अधिक आती है तो यह शरीर में किसी सूजन, संक्रमण या गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ESR का बढ़ना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह संकेत देता है कि शरीर में कुछ गलत हो रहा है। ज्यादा ESR होने के संभावित कारणों में निम्नलिखित स्थितियाँ शामिल हैं:
क्रॉनिक संक्रमण: जैसे टीबी, ब्रोंकाइटिस, यूरिन इन्फेक्शन
ऑटोइम्यून बीमारियाँ: जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस, ल्यूपस
कैंसर: कुछ प्रकार के कैंसर जैसे लिंफोमा या मायलोमा में ESR बहुत बढ़ सकता है
जोड़ों की बीमारियाँ: जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस
गर्भावस्था और मासिक धर्म: इन स्थितियों में ESR सामान्य से ऊपर हो सकता है
यदि किसी को बुखार, शरीर दर्द, थकावट, वजन घटना, या जोड़ों में सूजन जैसे लक्षण हैं और ESR ज्यादा आया है, तो डॉक्टर आगे के परीक्षण करवाते हैं जैसे ट्रोपोनिन, एबीसी समाचार, नतालिया फिर से शुरू आदि। इसकी अद्भुत बात यह है कि भले ही स्पेक्ट्रोस्कोपिक निदान के रूप में अल्पकालिक दायित्वों रहा है, यह एक संकेत है कि अब चिकित्सा उपलब्ध है लेकिन इसके बजाय प्रणालीगत सूजन सीमित लग रहा है। लेकिन फिर अगर अवशोषण लगातार विस्तारित होता है, तो इसका मतलब है कि एक बीमारी पर्यवेक्षण के तहत नहीं है और यह भी परिमाण में वृद्धि जारी रही है। इसलिए, एरिथ्रोसाइट अवसादन जांच वास्तव में नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, खासकर जब अन्य लक्षण विज्ञान भी साथ में मौजूद हैं।