Vitamin D Test एक खून की जांच है जो शरीर में विटामिन D के स्तर को मापने के लिए की जाती है। यह टेस्ट खास तौर पर यह जानने के लिए किया जाता है कि क्या व्यक्ति को विटामिन D की पर्याप्त मात्रा मिल रही है या नहीं। शरीर के चयापचय को बनाए रखने, कैल्शियम की मदद करने और साथ ही इसकी स्वप्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। उपरोक्त परीक्षण प्रक्रिया एक विशेष प्रकार 25-ओएच एसटी (25 (ओएच) डी) को इंगित करती है जो मांसपेशियों में विटामिन एम एस का सबसे सटीक सेवन है। इसकी परीक्षण प्रक्रिया सीरम स्तर की शुरुआत करती है और सामान्य स्तर लगभग 50 से 100 एनजी / एमएल के बीच होता है। यदि इनमें से कोई भी स्तर सस्ता है, तो यह वास्तव में कमी का प्रतीक है, जिसे चिकित्सक अक्सर विटामिन डी की कमी के रूप में जानते हैं। ऐसा एक प्रयोग यूनिट उपचार केंद्रों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं में आसानी से उपलब्ध है और अक्सर किसी भी तरह से भोजन छोड़ना शामिल नहीं होता है। यह उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो घुटने के दर्द, थकावट और मांसपेशियों में ऐंठन के बाद रोती हैं।
Vitamin D की कमी से क्या होता है?
विटामिन D की कमी को नजरअंदाज करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को न्योता दे सकता है। यह केवल हड्डियों की कमजोरी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। जब शरीर में विटामिन D की मात्रा कम हो जाती है, तो कैल्शियम का अवशोषण बाधित हो जाता है जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) या रिकेट्स (Rickets) जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। इसके अलावा मांसपेशियों में कमजोरी, पीठ और जोड़ों का दर्द, जल्दी थकावट, और बार-बार बीमार पड़ना भी इसके लक्षण हैं। बच्चों में यह कमी उनकी वृद्धि पर असर डाल सकती है और बुजुर्गों में गिरने का खतरा बढ़ जाता है। हाल के रिसर्च यह भी बताते हैं कि विटामिन D की कमी डिप्रेशन, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, ऑटोइम्यून डिजीज़ और यहां तक कि कैंसर जैसे रोगों से भी जुड़ी हो सकती है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि शरीर को इस महत्वपूर्ण विटामिन की कितनी जरूरत है और कब यह कमी गंभीर हो सकती है।
Vitamin D Test कब करवाना चाहिए?
Vitamin D Test महिलाएं काफी लंबे समय तक सूरज की रोशनी से दूर रहती हैं,जिनकी पीली त्वचा सांवली लगती है,उन्हें यह टेस्ट करवाना चाहिए क्योंकि उनकी स्किन कम विटामिन D बना पाती है। गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बुजुर्गों के लिए यह टेस्ट और भी जरूरी हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस, थायरॉयड, डायबिटीज या किडनी की बीमारी से ग्रसित है, तो उसे भी यह टेस्ट समय-समय पर कराना चाहिए। इसके अलावा अगर आपको डॉक्टर ने कैल्शियम की दवा दी है और उसका असर नहीं हो रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर में विटामिन D की कमी है। आमतौर पर यह टेस्ट साल में एक बार करवाना उचित होता है, लेकिन यदि आप किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित हैं या डॉक्टर ने सलाह दी है तो इसे बार-बार भी करवाया जा सकता है। टेस्ट का खर्च सामान्य रूप से ₹500 से ₹1500 के बीच होता है।
Vitamin D के स्रोत और कमी को कैसे पूरा करें?
Vitamin D आम तौर पर, यही सूर्य की किरणें सचमुच इसी दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण विशेषता हैं जैसे कि इसमें विटामिन होता है। एक ही मांसपेशी प्लाज्मा अभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है (ओह) जीएन हर समय सूर्य की किरणों को पकड़ने की कोशिश करते हुए या नौ नहीं बल्कि 10 मिनट के बीच, अधिकतम 15-30 मिनट के साथ तुलना में, इसके अलावा फोलिक वास्तव में मुर्गियों के अंडे का सफेद भाग, अंडे, ब्रीम (जैसे मोहम्मद अल और टूना), दूध, सहज मट्ठा और 44 साल के उचित प्रकार के भोजन में मौजूद है। यदि यह पर्याप्त नहीं है, तो विटामिन - डी पोषण वास्तव में एक चिकित्सक की सिफारिश पर निगला जा सकता है, जो कैप्सूल, चीनी और जलसेक के रूप में उपलब्ध हैं। याद रखें, पोषण जैसी अतिरिक्त मात्रा लेना केवल हानिकारक हो सकता है, फिर हमेशा एक सामान्य चिकित्सक की सिफारिश पर इसे लेने पर विचार करें। संतुलित आहार खाने, नियमित सूर्य की किरणों से संपर्क करने तथा समय-समय पर जांच कराने से आप विटामिन डी की कमी को जल्दी से दूर कर सकते हैं तथा कई खतरनाक बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं।
निष्कर्ष: क्यों जरूरी है Vitamin D Test?
विटामिन डी परीक्षण एक आनुवंशिक परीक्षण नहीं है, लेकिन यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक परीक्षण है। अब अधिकांश लोग जो आंतरिक आराम के कारण इस अत्यंत महत्वपूर्ण पोषक तत्व की कमी से पीड़ित हैं, पोषण की गलती करते हैं लेकिन इसके बजाय वे सूर्य की किरणों की कमी से पीड़ित हैं। इससे उनकी हड्डियां भी कमजोर होती हैं और यह प्रतिरक्षा, मानसिक और पूरे शरीर के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। किसी भी समय इस तरह की एक जाँच करवाने से आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और आवश्यक उपाय कर सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से बीमार रहते हैं, थका हुआ महसूस करते हैं या आपकी कशेरुकाएँ क्षीण हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें और फिर उपरोक्त परीक्षण के परिणाम प्राप्त करें। याद रखें - रोकथाम हमेशा बेहतर होती है क्योंकि उपचार, जिसमें एक छोटा परीक्षण भी शामिल है, उपयोगकर्ता को गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।