Neem Oil Ke 10 Gharelu Upay,नीम का तेल: 10 बेहतरीन घरेलू उपाय

 

नीम का तेल के 10 चमत्कारी घरेलू उपयोग,Neem Oil Ke 10 Gharelu Upay, सौंदर्य, बाल और त्वचा के लिए लाभ, Neem Oil Uses in Hindi

भारत में नीम को आयुर्वेद का अमूल्य खजाना माना जाता है। इसे 'प्राकृतिक एंटीबायोटिक' कहा जाए तो गलत नहीं होगा। नीम के उपचार में आम तौर पर प्रो, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को अंदर और बाहर दोनों तरह से बेहतर और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं नीम के तेल (नीम तेल) के टॉप 10 उपाय जो कई छोटी-बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करते हैं।

1. मुंहासों और दाग-धब्बों के लिए नीम का तेल

नीम का तेल मुंहासों (Acne) और स्किन के दाग-धब्बों को दूर करने में बेहद प्रभावी होता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा पर जमा बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और त्वचा की सूजन को कम करते हैं। रोज़ाना रात को नीम का तेल सीधे मुंहासों पर लगाने से त्वचा साफ और स्वस्थ बनती है। आप चाहें तो तेल को किसी कैरियर ऑयल (जैसे नारियल या जोजोबा तेल) में मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इससे जलन नहीं होगी और स्किन को पोषण भी मिलेगा। यह उपाय ऑयली और सेंसिटिव स्किन वालों के लिए भी सुरक्षित है।

2. सिर की रुसी और खुजली दूर करने में

नीम का तेल स्कैल्प से फंगल इन्फेक्शन को दूर करता है जो कि डैंड्रफ और खुजली के मुख्य कारण होते हैं। यह स्कैल्प को डीटॉक्स करता है और बालों को जड़ों से पोषण देता है। सप्ताह में 2 बार नारियल तेल में नीम का तेल मिलाकर बालों की मालिश करें और एक घंटे बाद धो लें। इससे डैंड्रफ की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है। यह बालों को झड़ने से भी बचाता है और सिर को ठंडक देता है। नीम का तेल बालों की ग्रोथ में भी सहायक होता है, जिससे बाल लंबे और घने बनते हैं।

3. फंगल इंफेक्शन में लाभकारी

त्वचा पर होने वाले फंगल इन्फेक्शन जैसे कि रिंगवर्म, एथलीट फुट या खुजली में नीम का तेल बहुत असरदार होता है। इसमें प्राकृतिक एंटी-फंगल एजेंट होते हैं जो फंगस को जड़ से खत्म करते हैं। प्रभावित स्थान पर दिन में दो बार नीम के तेल को रूई की सहायता से लगाएं। यह संक्रमण फैलने से रोकता है और जलन व खुजली में राहत देता है। उपयोग के पहले त्वचा को अच्छे से धोकर सुखा लेना ज़रूरी है ताकि तेल अपना असर पूरी तरह दिखा सके। कुछ ही दिनों में फंगल इन्फेक्शन में सुधार देखने को मिलता है।

4. कीट और मच्छर भगाने के लिए

नीम का तेल एक प्राकृतिक कीट और मच्छर भगाने वाला (Insect Repellent) उपाय है। इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो मच्छरों को दूर रखते हैं और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाते हैं। आप इसे नारियल तेल में मिलाकर त्वचा पर लगा सकते हैं या फिर घर में नीम तेल की धूनी दे सकते हैं। बाजार में मिलने वाले कैमिकल युक्त रिपेलेंट की तुलना में यह पूरी तरह प्राकृतिक और साइड इफेक्ट-फ्री उपाय है। बच्चों के कमरे में भी यह सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है। यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होता है।

5. पेट के कीड़े और त्वचा एलर्जी में

नीम पेट के कीड़ों (आंतों के कीड़े) के साथ-साथ एलर्जी के लिए भी फायदेमंद है। हालांकि इसे केवल स्त्री रोग विशेषज्ञ की सिफारिश पर ही अवशोषित किया जाता है, बाहरी स्रोत जो त्वचा की जलन के बाद भी खुजली से राहत दिलाने में मदद करते हैं। एरिथेमा, सूजन और खुजली वाली त्वचा को एपिडर्मिस पर आसानी से लगाया जा सकता है जबकि आवश्यक तेलों को टोस्टी लगाने का प्रयास किया जाता है। यदि गैस बहुत शक्तिशाली लगती है तो इसमें सामान्य उपयोग जलीय अर्क और जैतून का तेल होता है। निरंतर उपयोग का मतलब गर्दन के चरित्र लक्षणों को दूर करना भी है और प्रतिरक्षा ढांचे को बेहतर बनाने में मदद करता है।

6. नाखून फंगस और फुट क्रैक में

पैरों की एड़ी फटने और नाखूनों में फंगल संक्रमण के इलाज में नीम का तेल बहुत प्रभावशाली है। रोज़ाना सोने से पहले नीम के तेल को फटी एड़ियों और नाखूनों पर लगाएं और ढक कर रखें। इसमें मौजूद एंटीफंगल गुण नाखून फंगस को जड़ से खत्म करते हैं और त्वचा को नरम बनाते हैं। अगर एड़ियां बहुत फटी हों तो नीम तेल में थोड़ा मोम (wax) मिलाकर मलहम जैसा बना सकते हैं। इससे न केवल संक्रमण रुकेगा बल्कि त्वचा तेजी से ठीक होगी। सर्दियों में यह उपाय खासतौर पर फायदेमंद रहता है।

7. जलन और घाव में उपयोग

नीम के तेल में त्वचा को ठंडक देने और घाव भरने वाले गुण होते हैं। मामूली जलन, कट या खरोंच पर नीम का तेल लगाने से तुरंत आराम मिलता है और संक्रमण का खतरा नहीं रहता। यह त्वचा की मरम्मत प्रक्रिया को तेज करता है। नीम तेल का उपयोग एलोवेरा जेल के साथ करने से यह और अधिक असरदार हो जाता है। कोई भी चोट हो, उसे धोकर नीम का तेल लगाएं और सूती कपड़े से ढक दें। नीम का तेल बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता और घाव जल्दी भरता है।

8. बच्चों की त्वचा की देखभाल

नीम का तेल बच्चों की नाज़ुक त्वचा के लिए भी सुरक्षित होता है। यदि बच्चे को स्किन रैशेज, मच्छर के काटने से जलन, या फोड़े-फुंसी हो जाएं तो नीम का तेल बेहद कारगर उपाय है। थोड़े से नारियल तेल में कुछ बूंदें नीम के तेल की मिलाकर धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे जलन, सूजन और संक्रमण में राहत मिलती है। बाजार के केमिकल युक्त क्रीम की बजाय यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प है। ध्यान रखें कि बच्चों की त्वचा पर तेल बहुत कम मात्रा में और पतला करके ही लगाएं।

9. पालतू जानवरों की त्वचा रोग में

पालतू जानवरों जैसे कुत्तों और बिल्लियों में अक्सर स्किन इन्फेक्शन, पिस्सू या खुजली की समस्या होती है। नीम का तेल इन समस्याओं के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक समाधान है। इसे शैम्पू या पानी में मिलाकर नहलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, थोड़े से नारियल तेल में नीम का तेल मिलाकर स्किन पर लगाएं। यह पिस्सू को मारता है और स्किन को आराम देता है। नियमित उपयोग से जानवरों की त्वचा स्वस्थ रहती है और बाल चमकदार बनते हैं। यह उनके लिए पूरी तरह सुरक्षित भी होता है।

10. प्राकृतिक स्किन मॉइस्चराइज़र

नीम का तेल एक बेहतरीन स्किन मॉइस्चराइज़र के रूप में काम करता है, खासतौर पर ड्राई और रफ स्किन के लिए। यह त्वचा की गहराई तक जाकर नमी प्रदान करता है और उसे मुलायम बनाता है। रोज रात को सोने से पहले नीम के तेल को चेहरे और हाथ-पैरों पर लगाएं। यदि तेल की गंध तेज लगे तो उसमें गुलाब जल या एलोवेरा मिला सकते हैं। इससे न केवल त्वचा की नमी बनी रहती है, बल्कि बुढ़ापे की झुर्रियों और झाइयों से भी राहत मिलती है। यह प्राकृतिक ग्लो बढ़ाने में सहायक है।

 निष्कर्ष (Conclusion)

नीम का तेल प्रकृति की एक अमूल्य देन है जो हमारे शरीर, त्वचा और स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी लाभ देता है। इसके प्राकृतिक उपचार अभी भी सुविधाजनक हैं और आसान होने के साथ-साथ शांतिपूर्ण भी हैं। यदि आप वैकल्पिक स्वास्थ्य और वैकल्पिक उपचारों के बारे में सोचते हैं, तो नीम का प्रयास करें।


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