गिलोय जिसे संस्कृत में 'अमृता' कहा जाता है, आयुर्वेद में एक चमत्कारी औषधि मानी जाती है। यह बेलनुमा जड़ी-बूटी कई रोगों के लिए फायदेमंद होती है। नीचे गिलोय के 10 मुख्य फायदे विस्तार से दिए गए हैं:
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार
गिलोय शरीर की इम्यूनिटी को प्राकृतिक रूप से मजबूत करने में सहायक होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और खून को शुद्ध करते हैं। यह सफेद रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करता है जिससे शरीर को संक्रमण से लड़ने की शक्ति मिलती है। बार-बार सर्दी-जुकाम, खांसी या वायरल होने वाले लोगों के लिए गिलोय रामबाण है। रोज सुबह गिलोय का रस या चूर्ण लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में धीरे-धीरे सुधार होता है।
2. बुखार और वायरल संक्रमण में प्रभावी
गिलोय विशेष रूप से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे बुखारों में कारगर होता है। यह शरीर के तापमान को संतुलित रखता है और प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्द ठीक करने में सहायक होते हैं। बुखार के समय गिलोय का काढ़ा तुलसी और सौंठ के साथ पीने से तेज बुखार में भी तेजी से आराम मिलता है। यह शरीर को अंदर से मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने की क्षमता देता है।
3. डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक
गिलोय मधुमेह रोगियों के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक के रूप में काम करता है। यह शरीर में इंसुलिन की क्रियाशीलता को बढ़ाता है और ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। गिलोय की जड़ या उसका रस नियमित रूप से लेने से टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में सहायक होते हैं। हालांकि, इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
4. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
गिलोय का सेवन पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी में बेहद लाभकारी होता है। यह आंतों की सफाई करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाता है। इसके सेवन से भूख बढ़ती है और भोजन का पाचन अच्छे से होता है। गिलोय का रस या काढ़ा भोजन के पहले या बाद में लेने से पेट हल्का महसूस होता है। इसके नियमित उपयोग से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं और पाचन तंत्र स्वस्थ बना रहता है।
5. जोड़ों के दर्द और गठिया में लाभकारी
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। यह शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करके गठिया और गाउट जैसी बीमारियों से राहत दिलाता है। जो लोग पुरानी जोड़ों की समस्या से परेशान हैं, उन्हें गिलोय का रस या गिलोय के तेल से जोड़ों की मालिश करनी चाहिए। यह सूजन को कम करता है और गतिशीलता में सुधार लाता है। आयुर्वेद में इसे वात-नाशक माना गया है।
6. त्वचा रोगों में उपयोगी
गिलोय त्वचा की गहराई से सफाई करता है और खून को शुद्ध करता है, जिससे मुंहासे, फुंसी, खुजली, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण स्किन एलर्जी को ठीक करने में मदद करते हैं। गिलोय का रस पीने के अलावा, इसका पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाने से भी लाभ मिलता है। यह त्वचा को भीतर से साफ कर निखार लाता है और त्वचा की चमक बनाए रखता है।
7. मानसिक तनाव और चिंता को करता है कम
गिलोय तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन के स्तर को संतुलित करता है जिससे चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याएं दूर होती हैं। नियमित रूप से गिलोय का रस या चूर्ण लेने से नींद की गुणवत्ता भी सुधरती है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है। विद्यार्थियों और मानसिक श्रम करने वाले लोगों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है।
8. आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार
गिलोय का प्रयोग आंखों की रोशनी सुधारने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो रेटिना को पोषण प्रदान करते हैं और आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। इसका रस पानी में मिलाकर आंखों पर लगाने या सेवन करने से आंखों की थकान कम होती है और दृष्टि में सुधार आता है। यह मोतियाबिंद जैसी उम्र से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करने में मदद कर सकता है।
9. मूत्र विकारों को ठीक करता है
गिलोय मूत्राशय से जुड़ी समस्याओं में भी बहुत लाभकारी है। यह पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना या मूत्र में संक्रमण जैसी स्थितियों में राहत देता है। गिलोय में मौजूद जीवाणुरोधी तत्व मूत्र मार्ग से बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं। गिलोय का काढ़ा या उसका रस सुबह-शाम लेने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) में लाभ मिलता है। यह किडनी की कार्यक्षमता को भी बेहतर बनाता है।
10. बुखार के बाद की कमजोरी और थकान को दूर करता है
बुखार या लम्बी बीमारी के बाद शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना सामान्य है। गिलोय एक शक्तिवर्धक टॉनिक की तरह काम करता है। यह शरीर की ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है और थकावट को दूर करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर की कोशिकाओं को नया जीवन देते हैं और मांसपेशियों को ताकत प्रदान करते हैं। यह शरीर की रिकवरी को तेज करता है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाता है, जिससे आप जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
गिलोय एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जो अनेक रोगों में लाभकारी है। यह न केवल शरीर को रोगमुक्त रखता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सशक्त बनाता है। नियमित रूप से गिलोय का सेवन करने से शरीर की संपूर्ण प्रणाली में संतुलन आता है और जीवनशैली बेहतर बनती है। हालांकि, किसी भी हर्बल दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।