Hemoglobin Test in Hindi, Low Hemoglobin Symptoms & Test Details in Hindi

 

हीमोग्लोबिन टेस्ट एक सामान्य और महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण है जिसका उद्देश्य खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा को मापना होता है। हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) में पाया जाता है और इसका मुख्य कार्य शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन करना होता है। यह फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है और कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाता है ताकि वह बाहर निकल सके।

इस टेस्ट से यह जाना जाता है कि शरीर में खून की मात्रा पर्याप्त है या नहीं। हीमोग्लोबिन की कमी को एनीमिया (Anemia) कहा जाता है, जो थकान, कमजोरी, चक्कर आना, और सांस फूलने जैसे लक्षणों का कारण बन सकता है। वहीं, हीमोग्लोबिन का अत्यधिक स्तर भी खतरनाक हो सकता है, जिससे खून गाढ़ा हो सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

एक एचबी परीक्षण अक्सर रक्त गणना (सीबीसी) सहित किया जाता है, जो एरिथ्रोसाइट्स, जनरेटर, सफेद रक्त कोशिकाओं और अन्य प्लाज्मा डेटा के बारे में भी जानकारी देता है। उपरोक्त परीक्षण किसी भी परिपक्वता स्तर, यौन वरीयता, या चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्ति के लिए किया जा सकता है, खासकर अगर स्त्री रोग विशेषज्ञ को हेमोक्रोमैटोसिस, आंतरिक रक्तस्राव, कुपोषण और खून की खांसी का संदेह होने लगे।

निष्कर्ष, एक हेमाटोक्रिट प्रयोग एक आसान और अभी भी वास्तविकता की जाँच है जो ऑक्सीजन के स्तर का सुझाव देती है लेकिन इसके बजाय एक मांसपेशी के सामान्य स्वास्थ्य का सुझाव देती है।

हीमोग्लोबिन टेस्ट कब करवाना चाहिए? (When to Get Hemoglobin Test Done?)

हीमोग्लोबिन टेस्ट तब करवाना चाहिए जब आपको बार-बार थकावट, कमजोरी, चक्कर आना, चेहरे पर पीलापन, सांस की कमी या दिल की धड़कन तेज महसूस होती है। ये लक्षण आमतौर पर एनीमिया या खून की कमी की ओर इशारा करते हैं, जिसकी पुष्टि के लिए हीमोग्लोबिन टेस्ट सबसे पहला और जरूरी कदम होता है।

महिलाओं को माहवारी के कारण खून की कमी की संभावना अधिक होती है, इसलिए यदि मासिक धर्म अधिक मात्रा में होता है, तो डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। गर्भवती महिलाओं में भी यह जांच नियमित रूप से की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भ्रूण तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच रही है और मां को खून की कमी न हो। बच्चों में यदि ग्रोथ धीमी हो या बार-बार बीमार पड़ते हों, तो भी यह टेस्ट करवाना चाहिए।

हीमोग्लोबिन टेस्ट किसी भी शल्य चिकित्सा (operation) से पहले, क्रॉनिक बीमारियों जैसे किडनी रोग, कैंसर, थैलेसीमिया, या कुपोषण की स्थिति में नियमित जांच के रूप में भी किया जाता है। रक्तदान करने वाले लोगों के लिए भी यह अनिवार्य है, ताकि यह तय किया जा सके कि उनका खून देने योग्य है या नहीं।

अगर आपके परिवार में एनीमिया, थैलेसीमिया या खून से जुड़ी कोई आनुवंशिक बीमारी है, तो समय-समय पर हीमोग्लोबिन की जांच करवाना आवश्यक हो जाता है। कुल मिलाकर, जब भी शरीर में कमजोरी या खून से संबंधित कोई भी संकेत दिखाई दे, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करके हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाएं।

हीमोग्लोबिन टेस्ट की सामान्य रेंज क्या होती है? (What is the Normal Range of Hemoglobin?)

हीमोग्लोबिन की मात्रा शरीर में बहुत अधिक या बहुत कम हो जाए, तो यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। कुछ मामलों में यह शरीर में अत्यधिक लाल रक्त कोशिकाएं बनने के कारण होता है, जिसे पॉलीसाइथीमिया कहते हैं। इसलिए हीमोग्लोबिन की नियमित जांच कराना और डॉक्टर की सलाह के अनुसार संतुलित आहार लेना आवश्यक है, ताकि शरीर में इसकी मात्रा संतुलन में बनी रहे। खासकर महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह और भी जरूरी है, क्योंकि उनके शरीर में यह मात्रा थोड़ी कम होती है और पोषण की कमी जल्दी असर डालती है।



हेमेटोक्रिट परीक्षण के लिए रक्त का नमूना क्यों लिया जाता है? 

यह वही हेमेटोक्रिट चेक एक सरल लेकिन मामूली गतिशील है, जिसके लिए रंग के भीतर एक केंद्रीय शिरा से रक्त का नमूना खींचा जाता है। वही प्रयोग अक्सर बाएं कंधे और प्लेक्सस में पाए गए ऐसे केंद्रीय शिरा से लेना शुरू कर दिया जाता है। इस तरह के एक निर्णायक रूप से पहले निर्णय का प्रदर्शन किया गया यह वही रक्तस्राव लेकिन इसके बजाय प्रसवपूर्व देखभाल अगले इस तरह के किसी न किसी शराब बाम के साथ दुनिया को साफ करती है, एक शिरापरक प्रणाली को साफ करती है जैसे कि वे उस पर एक पतली क्लिप लगाने की कोशिश कर रहे हैं और यह वही पाचन तंत्र लेकिन इसके बजाय वाहिनी प्रणाली, बल्कि एक कैथेटर के साथ-साथ कांच की शीशी का एक ही अध्ययन करने के लिए मिलता है।

जो भी लोग और इसलिए हर मामूली शब्द लगभग हर एक तरीके के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए शुरू होता है। जब यह प्रभावित होता है तो शायद कपड़े, गाउन और साथ ही सभ्य रोटी का मिश्रण कभी-कभी उपयोग किया जाता है। एक नियमित चिकित्सक को दोनों अवधि की व्यापकता के लिए फिर से इसी शीर्ष भाग को संदर्भित करने का सुझाव दिया जाता है।

कई बार यह टेस्ट पोर्टेबल हीमोग्लोबिन मीटर से भी किया जाता है, जो उंगली से लिए गए खून की बूंद से ही रिपोर्ट दे देता है। यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, शिविरों और स्कूल हेल्थ प्रोग्राम्स में उपयोगी होता है।

कुल मिलाकर, यह टेस्ट न तो डराने वाला है, न ही जटिल। इसे आसानी से किसी भी पैथोलॉजी लैब में या डॉक्टर के क्लिनिक पर करवाया जा सकता है।


इस टेस्ट की रिपोर्ट कितने समय में मिलती है? (How Much Time Does Hemoglobin Test Report Take?)

हीमोग्लोबिन टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त करने का समय उस लैब पर निर्भर करता है जहां टेस्ट कराया गया है। आमतौर पर, यह एक त्वरित प्रक्रिया होती है और रिपोर्ट 3 से 6 घंटे में मिल जाती है। यदि यह टेस्ट किसी बड़े अस्पताल या निजी लैब में किया गया है जहां Fully Automated Hematology Analyzer का उपयोग होता है, तो रिपोर्ट 30 मिनट से 2 घंटे में भी मिल सकती है।

अगर यह टेस्ट किसी ग्रामीण अस्पताल या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में किया गया है, तो रिपोर्ट आने में 24 घंटे तक का समय लग सकता है। कुछ संस्थानों में जहां CBC या अन्य टेस्ट के साथ हीमोग्लोबिन टेस्ट किया जाता है, वहां रिपोर्ट प्राप्त करने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है क्योंकि सैंपल प्रोसेसिंग में समय लगता है।

आपको रिपोर्ट में Total Hemoglobin Level के साथ-साथ Hematocrit (PCV), RBC Count और अन्य पैमानों की जानकारी भी मिल सकती है, जो डॉक्टर को समग्र रूप से स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद करते हैं। मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से आजकल अधिकांश लैब्स रिपोर्ट ईमेल या SMS के जरिए भी भेजती हैं।

रिपोर्ट मिलने के बाद उसका विश्लेषण डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। वे आपकी उम्र, लिंग, लक्षण और मेडिकल इतिहास को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेते हैं। अगर रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन कम या अधिक पाया जाता है, तो डॉक्टर आगे की जांच या उपचार की सलाह दे सकते हैं।



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