BNYS कोर्स क्या है?
BNYS (बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज) एक पांच वर्षीय डॉक्टर ऑफ मेडिसिन कार्यक्रम है जो न केवल प्राप्त किए जा सकने वाले लाभों पर बल्कि प्राणायाम विज्ञान पाठ्यक्रमों पर भी आधारित है। इसका मार्ग भारत सरकार के पूर्व छात्रों द्वारा निर्धारित किया गया है और इस प्रकार यह सीसीआईएम (अमेरिकी चिकित्सा के लिए केंद्रीय समिति) द्वारा शासित है।
इस कोर्स में बिना दवाओं के इलाज के तरीके सिखाए जाते हैं, जैसे:
प्राकृतिक थेरेपीज (हर्बल, हाइड्रोथेरेपी, मड थेरेपी)
योग और प्राणायाम
डाइट और न्यूट्रिशन थेरेपी
एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी
BNYS कोर्स की अवधि
शैक्षणिक अवधि: 4.5 साल (9 सेमेस्टर)
इंटर्नशिप: 1 साल (अनिवार्य)
कुल: 5.5 साल
BNYS कोर्स के लिए योग्यता (Eligibility)
शैक्षणिक योग्यता:
12वीं कक्षा में pcb (physics, chemistry and biology) में कम से कम 50% मेरिट सूची होनी चाहिए (एससी/एसटी/ओबीसी के लिए 40%)
आयु सीमा: न्यूनतम 17 वर्ष
एंट्रेंस एग्जाम:
वास्तव में NEET (राष्ट्रीय पात्रता के लिए स्क्वर्ट प्रवेश परीक्षा) को मान्य करने के लिए आवश्यक है।
कुछ राज्यों में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा भी होती है।
BNYS कोर्स में विषय (Subjects)
BNYS कोर्स में मेडिकल साइंस, नेचुरोपैथी और योग से संबंधित विषय पढ़ाए जाते हैं।
प्रथम वर्ष (1st Year)
एनाटॉमी (Anatomy) – शरीर की संरचना
फिजियोलॉजी (Physiology) – शरीर की कार्यप्रणाली
बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry) – शरीर के रासायनिक प्रक्रियाएं
नेचुरोपैथी के मूल सिद्धांत (Basics of Naturopathy)
द्वितीय वर्ष (2nd Year)
पैथोलॉजी (Pathology) – रोगों का अध्ययन
माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) – संक्रमण और बैक्टीरिया
फार्माकोलॉजी (Pharmacology) – दवाओं का प्रभाव
योग थेरेपी (Yoga Therapy)
तृतीय वर्ष (3rd Year)
सामान्य चिकित्सा (General Medicine)
सर्जरी (Surgery)
प्रसूति एवं स्त्री रोग (Obstetrics & Gynecology)
हाइड्रोथेरेपी (Hydrotherapy)
चतुर्थ वर्ष (4th Year)
एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर (Acupuncture & Acupressure)
मड थेरेपी (Mud Therapy)
कायरोप्रैक्टिक (Chiropractic)
डाइट और न्यूट्रिशन (Diet & Nutrition)
इंटर्नशिप (1 Year)
नेचुरोपैथी अस्पताल में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
योग थेरेपी क्लिनिक में अनुभव
रोगियों के साथ वास्तविक अभ्यास
BNYS पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को दवा रहित उपचार विधियों में प्रशिक्षित करना है। इस कोर्स में प्राकृतिक तत्वों जैसे पानी, मिट्टी, हवा, सूर्य प्रकाश और योग के माध्यम से रोगों के उपचार की शिक्षा दी जाती है। छात्रों को शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को सक्रिय करने के तरीके सिखाए जाते हैं, जिससे रोगों को जड़ से समाप्त किया जा सके।
BNYS कोर्स की शैक्षणिक संरचना बहुत व्यापक है। प्रथम वर्ष में छात्र मानव शरीर की मूलभूत संरचना और कार्यप्रणाली का अध्ययन करते हैं, जिसमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री जैसे विषय शामिल होते हैं। साथ ही नेचुरोपैथी के बुनियादी सिद्धांतों से भी परिचय कराया जाता है। यह वर्ष छात्रों को मेडिकल साइंस की मूलभूत समझ विकसित करने में मदद करता है।
द्वितीय वर्ष में रोगों की प्रकृति और उनके कारणों का गहन अध्ययन किया जाता है। पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विषयों के माध्यम से छात्र विभिन्न रोगों की पहचान और उनके विकास की प्रक्रिया को समझते हैं। फार्माकोलॉजी विषय में दवाओं के प्रभावों का अध्ययन किया जाता है, हालांकि नेचुरोपैथी में इनका सीमित उपयोग होता है। इस वर्ष में योग थेरेपी की बुनियादी तकनीकों से भी परिचय होता है।
तृतीय वर्ष में छात्रों को विभिन्न चिकित्सा विधियों का व्यावहारिक ज्ञान दिया जाता है। सामान्य चिकित्सा और सर्जरी विषयों के माध्यम से वे सामान्य रोगों और उनके प्राकृतिक उपचार के तरीके सीखते हैं। प्रसूति एवं स्त्री रोग विषय में महिला स्वास्थ्य से संबंधित प्राकृतिक उपचार विधियों पर ध्यान दिया जाता है। हाइड्रोथेरेपी की विभिन्न तकनीकों का गहन अध्ययन इस वर्ष की विशेषता होती है।
चतुर्थ वर्ष में छात्र विशिष्ट प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों में विशेषज्ञता हासिल करते हैं। एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर जैसी वैकल्पिक चिकित्सा विधियों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है। मड थेरेपी में विभिन्न प्रकार की मिट्टी के चिकित्सीय उपयोग सिखाए जाते हैं। कायरोप्रैक्टिक विषय में हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं के प्राकृतिक उपचार पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। डाइट और न्यूट्रिशन विषय में आहार के माध्यम से रोग निवारण की तकनीकें सिखाई जाती हैं।
इंटर्नशिप वर्ष में छात्रों को वास्तविक नैदानिक सेटिंग में काम करने का अवसर मिलता है। वे नेचुरोपैथी अस्पतालों में विभिन्न प्राकृतिक चिकित्सा विधियों का व्यावहारिक अनुप्रयोग सीखते हैं। योग थेरेपी क्लिनिक में वे विभिन्न रोगियों को योग के माध्यम से उपचार प्रदान करने का अनुभव प्राप्त करते हैं। इस वर्ष में छात्रों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर मिलता है।
BNYS पाठ्यक्रम की विशेषता इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण है। छात्रों को हाइड्रोथेरेपी की विभिन्न तकनीकों जैसे हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस, स्टीम बाथ, हाइड्रो मसाज आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। मड थेरेपी में विभिन्न प्रकार के मड पैक और मड बाथ तैयार करना सिखाया जाता है। योग प्रशिक्षण में विभिन्न आसन, प्राणायाम और ध्यान तकनीकों पर विशेष जोर दिया जाता है।
पाठ्यक्रम में एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी की विस्तृत शिक्षा दी जाती है। छात्र शरीर के विभिन्न प्रेशर पॉइंट्स और उनके चिकित्सीय उपयोग को सीखते हैं। डाइट प्लानिंग और नेचुरोपैथिक डाइट थेरेपी में विभिन्न रोगों के लिए विशेष आहार योजनाएं बनाना सिखाया जाता है। इस प्रकार का व्यावहारिक प्रशिक्षण छात्रों को पूर्ण रूप से सक्षम चिकित्सक बनने में मदद करता है।
BNYS की डिग्री पूरी करने के बाद स्नातकों के लिए विभिन्न करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। सरकारी क्षेत्र में आयुष अस्पतालों में नेचुरोपैथी डॉक्टर के रूप में कार्य करने का अवसर मिलता है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों में सलाहकार के रूप में काम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग में रिसर्च ऑफिसर के पद पर कार्य करने का मौका मिल सकता है।
BNYS कोर्स में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
कार्यक्रम में प्रशिक्षण के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाता है, जिसमें शामिल हैं:
* हाइड्रोथेरेपी (पानी से इलाज)
* मड थेरेपी (मिट्टी से उपचार)
* योगासन और प्राणायाम
* एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी
* डाइट प्लानिंग और नेचुरोपैथिक डाइट
BNYS के बाद करियर
1. सरकारी नौकरियां
आयुष अस्पतालों में नेचुरोपैथी डॉक्टर
योग और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों में सलाहकार
स्वास्थ्य विभाग में रिसर्च ऑफिसर
2. प्राइवेट सेक्टर
वेलनेस सेंटर और स्पा में थेरेपिस्ट
योग इंस्टिट्यूट में शिक्षक
हेल्थ रिजॉर्ट और मेडिकल टूरिज्म में विशेषज्ञ
3. खुद का व्यवसाय
नेचुरोपैथी क्लिनिक खोलना
योग स्टूडियो शुरू करना
हेल्थ वेलनेस ब्लॉग/यूट्यूब चैनल बनाना
4. उच्च शिक्षा (Higher Studies)
MD in Naturopathy
MSc in Yoga Therapy
PhD in Alternative Medicine
क्या BNYS कोर्स अच्छा है?
BNYS उन छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो दवा रहित इलाज, योग और प्राकृतिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं। यह कोर्स NEET के माध्यम से किया जाता है और इसमें 5.5 साल का समय लगता है।