खांसी से जल्द छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे: बदलते मौसम में नहीं होगी दिक्कत


परिचय

खांसी एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र और किसी भी मौसम में हो सकती है, लेकिन विशेष रूप से बदलते मौसम के दौरान इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है। यह शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो गले या श्वसन तंत्र में जलन, संक्रमण या अवरोध के कारण होती है। हालांकि अधिकतर मामलों में खांसी कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन लगातार खांसी रहना बहुत असुविधाजनक और परेशान करने वाला हो सकता है।


दवाओं के अलावा कुछ प्राकृतिक घरेलू नुस्खे हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के खांसी से राहत दिला सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं ऐसे ही कारगर और वैज्ञानिक रूप से समर्थित घरेलू उपचारों के बारे में।


1. शहद और अदरक का मिश्रण

शहद और अदरक का संयोजन सदियों से खांसी के इलाज में इस्तेमाल होता आ रहा है।

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले की सूजन कम करते हैं।

शहद गले को कोटिंग प्रदान करता है, जिससे सूखी खांसी में राहत मिलती है।

विधि:

एक चम्मच ताजा अदरक का रस लें।

इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।

इसे दिन में 2-3 बार लें।

यह मिश्रण खासतौर पर सूखी और बलगम वाली दोनों तरह की खांसी में फायदेमंद होता है।


2. हल्दी वाला दूध


हल्दी भारतीय रसोई का अमूल्य हिस्सा है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन नामक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ता है।


विधि:

आपको एक गिलास में दूध गर्म करना है और उसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाना है।

सोने से पहले इसे पिएं।

लाभ:

गले की खराश, सूजन और रात को होने वाली खांसी से राहत मिलती है।

नींद भी अच्छी आती है।


3. तुलसी, अदरक और शहद की चाय


तुलसी एक प्रभावी औषधीय पौधा है जो खांसी, सर्दी और गले की समस्याओं के इलाज में उपयोगी है।

विधि:

5 से 6 तुलसी के पत्ते लें और उन्हें एक कप पानी में उबालें।

उसमें थोड़ा सा अदरक और एक चम्मच शहद मिलाएं।

दिन में दो बार इस चाय को पिएं।

यह नुस्खा गले की जलन और बैक्टीरियल संक्रमण को कम करने में असरदार है।


4. भाप लेना (Steam Therapy)

भाप लेने से बंद नाक खुलती है, बलगम बाहर निकलता है और सांस लेने में आसानी होती है। यह उपाय खासकर तब प्रभावी होता है जब खांसी के साथ जुकाम, बलगम या छाती में भारीपन हो।

विधि:

एक बर्तन में पानी गर्म करें।

सिर को तौलिए से ढककर भाप लें।

चाहें तो पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी (यूकेलिप्टस) तेल की डाल सकते हैं।

भाप लेने से श्वसन तंत्र की सूजन कम होती है और खांसी से राहत मिलती है।

5. मुलेठी (Licorice Root) का उपयोग

मुलेठी गले की सूजन को शांत करती है और खांसी के इलाज में लाभकारी है।

विधि:

मुलेठी की छोटी टुकड़ी को चबाएं या

मुलेठी की चाय बनाकर पिएं।

इसका नियमित सेवन गले की खराश और लंबे समय से चल रही खांसी में राहत देता है।

6. नमक के पानी से गरारे

यह एक बेहद सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय है जो गले को साफ करता है और संक्रमण को रोकता है।

विधि:

एक गिलास गर्म पानी ले फिर उसमे  में आधा चम्मच नमक मिलाएं।

दिन में दो बार गरारे करें।

यह उपाय आपके गले की सूजन और खराश को कम करने में मदद करेगा।  


7. अजवाइन और गुड़ का काढ़ा

अजवाइन में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और गुड़ शरीर को गर्मी प्रदान करता है।

विधि:

एक गिलास पानी में आधा चम्मच अजवाइन उबालें।

इसमें एक छोटा टुकड़ा गुड़ डालें।

जब पानी आधा रह जाए, तो छानकर पिएं।

यह काढ़ा खासकर ठंडी खांसी और बलगम में बहुत असरदार होता है।

8. प्याज और शहद का रस

प्याज में मौजूद सल्फर कंपाउंड संक्रमण से लड़ते हैं और बलगम को पतला कर बाहर निकालने में मदद करते हैं।

विधि:

एक प्याज को पीसकर उसका रस निकालें।

उसमें शहद मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम लें।

यह पुराने खांसी के इलाज में उपयोगी हो सकता है।


सावधानियाँ और सुझाव

अधिक ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स और फ्रिज का पानी न पिएं।

अधिक मसालेदार और तैलीय भोजन से बचें।

साफ-सफाई का ध्यान रखें, खासकर हाथ धोने की आदत डालें।

गले को ढककर रखें, खासकर सुबह-शाम।

धूल, धुआं और प्रदूषण से बचें।


कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर आपकी खांसी:

10 दिनों से ज्यादा रहे

तेज बुखार के साथ हो

सांस लेने में दिक्कत हो

खून वाली खांसी हो

बच्चों या बुजुर्गों में लंबे समय तक बनी रहे


निष्कर्ष


खांसी एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि हर बार एंटीबायोटिक या भारी दवाइयों की जरूरत पड़े। हमारे घर में ही मौजूद सरल और प्राकृतिक चीजें जैसे शहद, अदरक, हल्दी, तुलसी, भाप आदि से भी खांसी का प्रभावी इलाज संभव है।


इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप बदलते मौसम में खुद को और अपने परिवार को खांसी-जुकाम से बचा सकते हैं, साथ ही शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं।

खांसी के प्रकार और उनके लक्षण

खांसी कई प्रकार की हो सकती है, और घरेलू उपचार चुनते समय यह जानना ज़रूरी होता है कि आपको किस प्रकार की खांसी है:

सूखी खांसी (Dry Cough):

गले में खराश, बिना बलगम के लगातार खांसी।

आमतौर पर एलर्जी, धूल या ठंडी हवा से होती है।

बलगम वाली खांसी (Wet Cough):

बलगम के साथ आती है।

यह आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।


क्रोनिक खांसी (Chronic Cough):

अक्सर अस्थमा, एलर्जी या फेफड़ों की बीमारी से जुड़ी होती है।

इनमें से पहले दो प्रकार में घरेलू उपाय बेहद असरदार हो सकते हैं।


 बच्चों में खांसी के लिए घरेलू उपचार

बच्चों की इम्यूनिटी वयस्कों की तुलना में कमजोर होती है, इसलिए उनके लिए हल्के और सुरक्षित उपाय जरूरी होते हैं:

गुनगुना पानी या सूप: बच्चे को बार-बार गर्म तरल पदार्थ दें, जिससे गला नर्म रहेगा और बलगम ढीला होगा।

हल्दी-दूध: आधी मात्रा में हल्दी डालकर एक चम्मच गर्म दूध देना फायदेमंद है।

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