गर्मियों में बुखार कैसे होता है?
गर्मियों के मौसम में तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रण प्रणाली प्रभावित होती है। इस मौसम में बुखार होना आम बात है। कई बार लोग सोचते हैं कि बुखार केवल सर्दी के मौसम में होता है, लेकिन गर्मियों में भी यह कई कारणों से हो सकता है। मुख्यतः यह बुखार वायरल इन्फेक्शन, हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन (पानी की कमी), बैक्टीरियल संक्रमण या खानपान की गड़बड़ी के कारण होता है।
गर्मियों में बुखार के सामान्य कारण
हीट स्ट्रोक (लू लगना):
जब व्यक्ति लम्बे समय तक तेज धूप में रहता है और शरीर को ठंडा करने का पर्याप्त समय नहीं मिलता, तब शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है। यह स्थिति हीट स्ट्रोक कहलाती है और इससे तेज बुखार हो सकता है।
वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण:
गर्मी में पसीना और गंदगी शरीर को रोगाणुओं के प्रति संवेदनशील बना देते हैं। गंदा पानी या दूषित भोजन खाने से टाइफाइड, डायरिया, या पेट के संक्रमण हो सकते हैं, जिससे बुखार होता है।
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी):
गर्मियों में अधिक पसीना निकलने के कारण शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इससे कमजोरी और कभी-कभी बुखार हो सकता है।
एसी और गर्मी के बीच बार-बार बदलाव:
कई बार लोग गर्मी से बचने के लिए तुरंत एयर कंडीशनर या कूलर के नीचे बैठ जाते हैं। इससे तापमान में अचानक बदलाव होता है, जिससे वायरल संक्रमण हो सकता है।
गर्मियों में बुखार के लक्षण
शरीर का तापमान 100°F से अधिक
सिरदर्द और बदन दर्द
थकावट और कमजोरी
मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द
अधिक पसीना या पसीना न आना (हीट स्ट्रोक में)
भूख न लगना
गला सूखना या डिहाइड्रेशन के लक्षण
चिड़चिड़ापन
गर्मियों के बुखार को ठीक करने के घरेलू उपाय
ठंडे पानी की पट्टियाँ:
बुखार कम करने के लिए माथे, गर्दन, और बगल में ठंडी पानी की पट्टियाँ रखें। यह शरीर का तापमान घटाने में मदद करता है।
तुलसी की चाय:
टॉरिन में रोगाणुरोधी गुण होने के साथ-साथ जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं। एक कप चाय बनाने के लिए 5-6 धनिया पत्तियों को उबालें और दिन में 2-3 बार इसकी चुस्की लें।
धनिया का काढ़ा:
धनिए के बीज उबालकर काढ़ा बनाएं। यह शरीर को ठंडक देता है और बुखार कम करता है।
नींबू पानी और नारियल पानी:
शरीर में पानी की कमी पूरी करने के लिए नियमित अंतराल पर नींबू पानी या नारियल पानी पिएं। यह इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखता है।
अदरक और शहद का मिश्रण:
अदरक को कद्दूकस कर शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और बुखार से राहत देता है।
पुदीना का रस:
पुदीना ठंडक देने वाला होता है। पुदीने का रस या पुदीना पानी बनाकर दिन में एक-दो बार पिएं।
गिलोय का काढ़ा:
गिलोय आयुर्वेदिक औषधि है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसका काढ़ा बनाकर पिएं।
खानपान में सावधानी
हल्का और सुपाच्य भोजन करें जैसे खिचड़ी, दाल-चावल, फल आदि।
तला-भुना और भारी भोजन न करें।
अधिक मात्रा में पानी पिएं (8-10 गिलास प्रतिदिन)।
घर का बना ताजा भोजन ही लें।
दही, छाछ और तरबूज जैसे शीतल आहार को भोजन में शामिल करें।
क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
आराम करें, शरीर को पूर्ण विश्राम दें।
हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
बार-बार पानी पिएं, विशेष रूप से ORS या नमक-चीनी पानी।
अगर बुखार ज्यादा बढ़ रहा हो या 3 दिनों से अधिक बना रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या न करें:
सीधा एसी या कूलर के सामने न बैठें।
धूप में ज्यादा समय न बिताएं।
तले-भुने या बाहर के खाने से बचें।
बुखार में खुद से एंटीबायोटिक दवाएं न लें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि बुखार 102°F से ज्यादा हो।
बुखार लगातार 3 दिन से अधिक समय तक बना रहे।
उल्टी, दस्त या बहुत तेज सिरदर्द हो।
डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई दें (जैसे पेशाब कम होना, गला सूखना)।
बच्चे, बुजुर्ग, या पहले से बीमार व्यक्ति में बुखार गंभीर हो सकता है — तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
गर्मियों में बुखार के लिए घरेलू उपचार
1. पानी और तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें
ORS घोल, नींबू पानी, नारियल पानी और ताजे फलों का रस पीना शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिनभर में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं।
2. तुलसी और अदरक का काढ़ा
तुलसी के पत्ते और अदरक को पानी में उबालकर दिन में दो बार पिएं।
3. ठंडे पानी की पट्टियाँ
गीले ठंडे कपड़े से सिर, गर्दन और पैरों की सिंकाई करें।
इससे शरीर का तापमान धीरे-धीरे कम होता है।
4. नीम और गिलोय का काढ़ा
नीम और गिलोय में प्राकृतिक प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।
15-20 नीम के पत्तों को लें और एक छोटी गिलोय की डंडी को अचे से उबालकर रख लें वो पानी पीना लाभकारी है।
5. लहसुन का प्रयोग
लहसुन में एंटीवायरल गुण होते हैं।
रात को सोते समय लहसुन की कुछ कलियाँ गुनगुने पानी के साथ लें।
6. सेब का सिरका
सेब के सिरके को पानी में मिलाकर पैरों की सिंकाई करने से बुखार जल्दी उतरता है।
गर्मियों के बुखार में आहार संबंधी सुझाव
हल्का भोजन करें जैसे खिचड़ी, दाल-सूप, उबली सब्जियाँ।
ताजे फल खाएँ जैसे संतरा, पपीता, तरबूज, खरबूजा।
मिर्च-मसालेदार और तैलीय भोजन से बचें।
दही, छाछ और नींबू का सेवन करें ताकि शरीर को ठंडक मिले।
बाहर के कटे-फटे और खुले खाद्य पदार्थों से बचें।
गर्मियों में बुखार से बचाव के उपाय
धूप में बाहर निकलते समय छाता, टोपी और चश्मा पहनें।
हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।
भीड़भाड़ वाले और गंदे इलाकों से बचें।
घर का बना ताजा और हल्का भोजन करें।
साफ पानी ही पिएं, यदि बाहर हैं तो बोतलबंद पानी का प्रयोग करें।
निष्कर्ष
गर्मियों में बुखार आम है लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। गर्मी में शरीर का तापमान संतुलित रखना, स्वच्छता और सही खानपान अत्यंत आवश्यक है।