Normal sugar level, Diabetes symptoms in Hindi, शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

 

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क्या आपको भी चिंता है अपने शुगर लेवल की? सामान्य स्तर और डायबिटीज के लक्षणों को पहचानें!

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी एक आम समस्या बनती जा रही है। बहुत से लोग अनजाने में ही इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं क्योंकि उन्हें इसके शुरुआती लक्षणों की जानकारी नहीं होती और न ही वे जानते हैं कि उनका सामान्य शुगर लेवल कितना होना चाहिए। अगर आप भी अक्सर थकान, बार-बार प्यास लगना या बिना वजह वजन घटने जैसी समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं, तो यह समय है कि आप अपने शुगर लेवल पर ध्यान दें। मधुमेह सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो अगर समय पर न पहचानी जाए और उसका इलाज न किया जाए, तो यह आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों, जैसे आंखें, किडनी, हृदय और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। लेकिन चिंता न करें, सही जानकारी और समय पर जांच से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि एक स्वस्थ व्यक्ति का शुगर लेवल कितना होना चाहिए, प्री-डायबिटीज और डायबिटीज के क्या मायने हैं।

सामान्य शुगर लेवल कितना होना चाहिए? आपकी सेहत का पैमाना!

हमारे शरीर में खून में मौजूद शुगर (ग्लूकोज) ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। हम जो भी खाते हैं, वह ग्लूकोज में बदल जाता है, जिसका उपयोग शरीर ऊर्जा के लिए करता है। इस प्रक्रिया को इंसुलिन नाम का हार्मोन नियंत्रित करता है, जो अग्न्याशय (Pancreas) से निकलता है। स्वस्थ रहने के लिए रक्त में शुगर का स्तर एक निश्चित सीमा में रहना बहुत ज़रूरी है। शुगर के स्तर को मापने के कई तरीके हैं, और हर तरीके के लिए सामान्य सीमाएं अलग-अलग होती हैं:

1. खाली पेट शुगर (Fasting Blood Sugar): यह टेस्ट सुबह खाली पेट (कम से कम 8-10 घंटे कुछ भी खाए-पिए बिना, पानी के अलावा) किया जाता है।

सामान्य: 70 से 99 मिलीग्राम/डेसीलीटर (mg/dL)

प्री-डायबिटीज: 100 से 125 mg/dL

डायबिटीज: 126 mg/dL या इससे ज़्यादा

2. खाने के बाद की शुगर (Postprandial Blood Sugar / PPBS): यह टेस्ट भोजन के ठीक 2 घंटे बाद किया जाता है।

सामान्य: 140 mg/dL से कम

प्री-डायबिटीज: 140 से 199 mg/dL

डायबिटीज: 200 mg/dL या इससे ज़्यादा

3. रैंडम ब्लड शुगर ऐसी एक जांच संभवतः दिन के अंत में शीघ्रता से की जा सकती है, तथा इसकी तैयारी के लिए कोई विशेष समय नहीं लगता।

सामान्य: सामान्य रूप से या उससे कम एक सौ चालीस मिलीग्राम/डीएल

मधुमेह: 1999 मिलीग्राम/डीएल और अधिक, विशेष रूप से जब नैदानिक ​​अभिव्यक्तियाँ हों।

4. HbA1c टेस्ट (Glycated Hemoglobin Test): यह टेस्ट पिछले 2-3 महीनों के औसत शुगर लेवल को बताता है। यह डायबिटीज के निदान और प्रबंधन के लिए सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट में से एक है।

सामान्य: 5.7% से कम

प्री-डायबिटीज: 5.7% से 6.4%

डायबिटीज: 6.5% या इससे ज़्यादा

यह जानना महत्वपूर्ण है कि उम्र के अनुसार इन स्तरों में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन ऊपर दी गई सामान्य सीमाएं अधिकांश वयस्कों पर लागू होती हैं। यदि आपके परिणाम इन सामान्य सीमाओं से बाहर आते हैं, खासकर यदि वे प्री-डायबिटीज या डायबिटीज की श्रेणी में आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है। डॉक्टर आपकी स्थिति का सही आकलन करके आपको आगे के कदमों के बारे में बताएंगे।

डायबिटीज के लक्षण: पहचानें शरीर के शुरुआती संकेत!

इसकी बीमारी हमेशा धीरे-धीरे विकसित होने लगती है फिर अनुचित व्यवहार, साथ ही अन्य व्यक्ति हमेशा दूसरों की उपेक्षा करते हैं, इसे थकावट और अन्य चुनौतियों के बराबर मानते हैं। लेकिन फिर भी, उपरोक्त लक्षणों की पहचान करने की कोशिश करना, हालांकि एक सफेद अवधि के ऊपर रखे गए एक आरोप का संकेत है, जो एक बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है जो वास्तव में विकास है और अत्यधिक निराशा को रोक सकता है। सबसे अधिक दिखाई देने वाले संकेतों और अनुचित व्यवहार के अलावा लगता है:

1. बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination): नियमित रूप से मल त्याग करना, विशेष रूप से देर रात को। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब रक्त शर्करा वास्तव में बढ़ जाती है, तो आंतें उक्त उच्च शर्करा को हटाने के लिए अधिक प्रयास करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप अतिरिक्त शारीरिक तरल पदार्थ बनते हैं।

2. बहुत ज़्यादा प्यास लगना (Increased Thirst): बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण आपको लगातार प्यास महसूस होती है, भले ही आप खूब पानी क्यों न पी रहे हों।

3. लगातार भूख लगना (Increased Hunger): शरीर कोशिकाओं में शुगर को ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं कर पाता, जिससे शरीर को यह संकेत मिलता है कि उसे और ऊर्जा की ज़रूरत है, भले ही आपने अभी-अभी खाना खाया हो।

4. अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss): बिना किसी आहार और जीवनशैली के तेजी से वजन कम होना। ऐसा वास्तव में इसलिए होता है क्योंकि मस्तिष्क ऊर्जा उत्पादन के लिए ग्लाइसेमिक का उपयोग करना बंद कर देता है, और इसके बजाय चीनी और वसा को जला देता है।

5. थकान और कमजोरी महसूस होना (Fatigue and Weakness): कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा न मिलने के कारण आप लगातार थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकते हैं, भले ही आप पर्याप्त आराम क्यों न कर रहे हों।

6. धुंधला दिखाई देना (Blurred Vision): रक्त में ग्लूकोज की मात्रा में वृद्धि वास्तव में इसी आंख के ऐपिस पर प्रभाव डाल सकती है, जिससे पहचान करने में थोड़ा समय लग सकता है।

7. घावों का धीरे भरना (Slow-healing Sores/Cuts): मोटापा न केवल रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है, बल्कि शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को भी कम कर देता है, जिससे हड्डियों के बीच दरारें और घाव हो जाते हैं, जो सामान्य से अधिक तेजी से ठीक होते हैं।

8. त्वचा में खुजली या संक्रमण (Itchy Skin or Frequent Infections): त्वचा का सूखापन और रक्त में शुगर की अधिकता फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों, खासकर यीस्ट इन्फेक्शन (जैसे योनि में यीस्ट इन्फेक्शन) या त्वचा पर खुजली का कारण बन सकती है।

9. हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन (Numbness or Tingling in Hands and Feet): उच्च रक्त शर्करा तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हाथों, पैरों या उंगलियों में झुनझुनी, सुन्नपन या जलन महसूस हो सकती है।

यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना और अपना शुगर टेस्ट करवाना बहुत ज़रूरी है। शुरुआती पहचान और सही उपचार से डायबिटीज को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है और इसके गंभीर प्रभावों से बचा जा सकता है।



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