सुबह उठते ही सबसे पहले गुनगुना पानी पीना आपके शरीर के लिए किसी औषधि से कम नहीं होता। यह आदत खासतौर पर किडनी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। जब आप रातभर सोते हैं, तब शरीर में कई प्रकार के विषैले तत्व इकट्ठा हो जाते हैं जिन्हें शरीर से बाहर निकालना बहुत जरूरी होता है। गुनगुना पानी पीने से ब्लैडर और किडनी की सफाई होती है, जिससे पेशाब के माध्यम से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। यह आदत आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), पथरी और किडनी से जुड़ी दूसरी बीमारियों से बचा सकती है। इसके साथ ही सुबह पानी पीने से आपकी पाचन क्रिया भी मजबूत होती है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। ध्यान रखें कि सुबह खाली पेट एक या दो गिलास गुनगुना पानी धीरे-धीरे पिएं, इसमें चाहें तो थोड़ा नींबू भी मिला सकते हैं। यह डिटॉक्स इफेक्ट को और बढ़ा देगा। ये आदत ना केवल किडनी के लिए, बल्कि वजन कम करने और त्वचा को निखारने के लिए भी बेहद असरदार है।
सुबह का योग और प्राणायाम बनाएं दिनचर्या का हिस्सा
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ खानपान ही नहीं, बल्कि एक एक्टिव और बैलेंस्ड लाइफस्टाइल भी जरूरी है। सुबह योग और प्राणायाम करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे किडनी को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषण मिलता है। योग के ऐसे कई आसन हैं जैसे भुजंगासन, वज्रासन, मंडूकासन और शलभासन जो किडनी के फंक्शन को बेहतर करते हैं। वहीं प्राणायाम, जैसे अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका, शरीर से तनाव कम करते हैं, जिससे इंसुलिन का स्तर भी अपरिवर्तित रहता है और मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। यदि मूत्राशय में रक्त का थक्का जम गया है और कोलेस्ट्रॉल अधिक है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार प्राणायाम करें। प्रतिदिन उपरोक्त योगासन गुर्दे के साथ-साथ हृदय, ब्रांकाई, यकृत और अचेतन के लिए भी लाभकारी है। रोजाना पंद्रह मिनट योगासन करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और बीमारियों से पूरी तरह लड़ने में मदद मिलती है।
हेल्दी ब्रेकफास्ट को ना करें नजरअंदाज
सुबह का नाश्ता पूरे दिन की ऊर्जा का पहला स्रोत होता है। बहुत से लोग जल्दी में या वजन घटाने के चक्कर में ब्रेकफास्ट को स्किप कर देते हैं, जो कि किडनी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। एक संतुलित और हेल्दी ब्रेकफास्ट जिसमें प्रोटीन, फाइबर, और आवश्यक मिनरल्स हों, शरीर को सही तरह से पोषण देता है और किडनी की कार्यक्षमता को बनाए रखने में मदद करता है। अंकुरित अनाज, दलिया, फलों का सलाद, ओट्स, अंडा (यदि नॉनवेज लेते हैं), या लो-सोडियम पनीर ब्रेकफास्ट में शामिल किए जा सकते हैं। इसके अलावा अधिक नमक, पैकेज्ड फूड या प्रोसेस्ड मील्स से बचना जरूरी है क्योंकि ये किडनी पर अत्यधिक दबाव डालते हैं। हर सुबह समय पर नाश्ता करना एक अच्छी आदत है, जो मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है और किडनी को हेल्दी बनाए रखता है।
धूप लेना और विटामिन D पाना भी है जरूरी
किडनी को मजबूत रखने के लिए विटामिन D बेहद आवश्यक है। यह विटामिन कैल्शियम और फॉस्फेट के बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे किडनी को पत्थरी या अन्य मिनरल डिपॉजिट्स से बचाया जा सकता है। सुबह 7 बजे से 9 बजे तक की धूप में रोजाना 15-20 मिनट बैठने से शरीर को प्राकृतिक रूप से विटामिन D मिलता है। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है, जिससे किडनी को संक्रमण से बचाया जा सकता है। जिन लोगों को धूप में बैठना संभव नहीं, उनके लिए डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन D सप्लीमेंट्स लेना एक उपाय हो सकता है, लेकिन प्राकृतिक तरीका सबसे बेहतर और सुरक्षित होता है। ध्यान रहे कि ज्यादा देर की तीखी धूप से बचें और धूप लेने का समय सीमित और नियंत्रित हो। सुबह की इस साधारण आदत से आप अपने किडनी हेल्थ में बड़ा फर्क देख सकते हैं।
सुबह खाली पेट हरड़ या त्रिफला का सेवन
आयुर्वेद के अनुसार हरड़ और त्रिफला शरीर की शुद्धि के लिए बहुत ही प्रभावी उपाय हैं। इनका सुबह खाली पेट सेवन करने से शरीर से विषैले तत्व (toxins) बाहर निकलते हैं और किडनी की सफाई में मदद मिलती है। त्रिफला पाचन क्रिया को भी सुधारता है, जिससे किडनी पर कम दबाव पड़ता है क्योंकि खराब पाचन से बनने वाले टॉक्सिन्स को किडनी को फिल्टर करना पड़ता है। हरड़ पेट साफ करने में भी मदद करती है और मूत्राशय को स्वस्थ बनाए रखती है। ये दोनों चीजें नैचुरल डिटॉक्सिफायर हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं। अगर आप रोज सुबह इसे गर्म पानी के साथ लेते हैं तो आपके शरीर में धीरे-धीरे शुद्धता और ऊर्जा का अनुभव होगा। हालांकि किसी भी आयुर्वेदिक उपाय को शुरू करने से पहले एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
मोबाइल से दूरी और दिन की शांत शुरुआत
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जैसे ही सुबह आंख खुलती है, लोग सबसे पहले अपना मोबाइल फोन उठाते हैं और सोशल नेटवर्किंग, ई-मेल और स्टोरीज चेक करना शुरू कर देते हैं। ऐसी जीवनशैली मानसिक पीड़ा को भी बढ़ाती है और नींद के बाद कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती है। तनाव सीधे किडनी को प्रभावित करता है क्योंकि यह थायरॉयड समस्या और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। इसके बजाय, ऐसे समय के लिए चुपचाप बैठें, परिवेशीय संगीत सुनें या पेड़ों और झाड़ियों के सामने बैठें। इससे भावनात्मक संघर्ष विराम मिलेगा और वास्तव में शरीर आरामदायक महसूस करेगा। एक दिन का तनाव आपकी आंतों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अपनी आंतों को बेहतर और स्वस्थ बनाए रखने के लिए, मानसिक संतुलन बनाए रखना सामान्य स्थिति की तरह ही आवश्यक लगता है। इसलिए सकारात्मकता और शांत दिमाग के साथ दिन की शुरुआत करें।
सुबह की सैर (Morning Walk) बनाएं आदत
सुबह जल्दी उठकर टहलना न केवल आपकी फिजिकल हेल्थ बल्कि किडनी हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी है। वॉक करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर में जमा अतिरिक्त लवण पसीने और पेशाब के जरिए बाहर निकलते हैं। यह प्रक्रिया किडनी पर काम का बोझ कम कर देती है और उसके फंक्शन को बेहतर बनाए रखती है। सुबह की ताजी हवा और सूरज की हल्की धूप मिलकर मानसिक सुकून भी देती है, जिससे हार्मोनल बैलेंस सुधरता है। अगर आप डायबिटिक हैं या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो मॉर्निंग वॉक आपके लिए वरदान साबित हो सकता है क्योंकि यह ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों को नियंत्रित करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉक आपके शरीर के सभी अंगों को एक्टिव और हेल्दी बनाए रखने में मदद करती है। धीरे-धीरे यह आदत किडनी को लंबी उम्र तक स्वस्थ बनाए रखती है।