मलेरिया क्या है और कैसे होता है?
मलेरिया एक संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी के कारण होने वाली बीमारी है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लाज्मोडियम विवैक्स नामक विषाणु से होता है। संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से वायरस मनुष्यों के रक्त प्रवाह में फैलता है।
मलेरिया कितने प्रकार का होता है?
मलेरिया चार प्रकार का होता है। जिसमें भारत में दो प्रकार के प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम प्लाज्मोडियम विवैक्स मलेरिया पाए जाते हैं। दोनों खतरनाक हैं। यह मच्छर सूर्यास्त के बाद काटता है।
जिसको मलेरिया हो जाता हैं तो क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
मलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, अस्वस्थ महसूस करना, सिरदर्द, मतली और उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान, तेजी से सांस लेना, हृदय गति में वृद्धि और कफ शामिल हैं।
मलेरिया के 4 प्रकार क्या हैं?
चार प्रकार के मलेरिया परजीवी मनुष्यों को बीमार करते हैं: १. प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, २. पी. विवैक्स, ३. पी. ओवले और ४. पी. मलेरिया।
मलेरिया का जनक कौन है?
यदि डॉ. रोनाल्ड रॉस न होते तो शायद आज भी लाखों लोग मच्छरों और मलेरिया के कारण मर रहे होते। साल 1857 में 13 मई को डॉ. रोनाल्ड रॉस का जन्म हुआ था।
मलेरिया की खोज कब हुई थी?
रोनाल्ड रॉस (13 मई 1857 - 16 सितंबर 1932) एक ब्रिटिश नोबेल पुरस्कार विजेता थे। उनका जन्म भारत के उत्तराखंड राज्य में कुमाऊँ के अल्मोड़ा जिले के एक गाँव में हुआ था।
कौन सा वायरस मलेरिया का कारण बनता है?
क्या है मलेरिया- मलेरिया बुखार एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो मच्छरों से होता है। जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस मादा मच्छर में एक खास तरह का बैक्टीरिया पाया जाता है, जिसे मेडिकल की भाषा में प्लाज्मोडियम के नाम से जाना जाता है।